परिचय
- मानवविज्ञान सभी स्थान एवं काल विशेष के सन्दर्भ में मानव का समग्र अध्ययन करता है।
- मानवविज्ञान पृथ्वी पर मनुष्य के जन्म से लेकर वर्त्तमान काल तक के मानव के शारीरिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास एवं व्यवहारों का वैज्ञानिक अध्ययन है।
मुख्य शाखाएँ
- सामाजिक- सांस्कृतिक मानवविज्ञान
- शारीरिक (जैविक) मानवविज्ञान
- पुरातात्विक मानवविज्ञान
- भाषायी मानवविज्ञान
- व्यावहारिक मानवविज्ञान
विशेषताएँ एवं महत्व
- समग्र अध्ययन
- सांस्कृतिक सापेक्षवाद की धारणा पर विश्वास
- गहन अध्ययन
- क्षेत्र कार्य में सहभागी अवलोकन
रोजगार की सम्भावनाएँ
- अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी शोध संस्थान
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल
- एशियन डेवेलपमेंट बैंक जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों में
- गैर सरकारी संगठन
- जनगणना कार्यालय भारत सरकार
- जनजातीय कार्य मंत्रालय
- भारत सरकार, राज्य सरकार तथा अन्य संस्थानों के सलाहकार के रूप में
- भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
- भारतीय सांख्यिकी संस्थान
- भाषा विज्ञान, कॉग्निटिव साइकोलॉजी, न्यूरल साइंस, दवा निर्माण के लिए शोध एवं उत्पादन संस्थानों में
- यूनिसेफ (UNICEF)
- यूनेस्को (UNESCO)
- राज्य एवं भारत सरकार के प्रमुख संग्रहालयों में विभिन्न पदों पर
- राज्य एवं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाओं में आर्कषक एवं महत्वपूर्ण विषय
- वर्ल्ड बैंक
- विभिन्न राज्यों के जनजातीय कल्याण शोध संस्थान
- विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षक के पद पर
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization)
- व्यापारिक एवं खेल-कूद संस्थानों में इसके अलावा मानव वैज्ञानिकों को प्रखण्ड, जिला एवं राज्य स्तर के विकास कार्यक्रमों में भी विभिन्न पदों पर संस्थान एवं सरकार नियुक्त करती है